Friday, January 30, 2009

अंश


कैसा मीठा एहसास है ये ....
पूहु बगानो से सावन में ???
सींच रहीं हूँ जिस एहसास को ..
मेरी काया का अंश है तू |

मेरे ख़्वाबो की हक़ीकत है तू....
बेरंग तस्वीर के रंग है तू....
मेरे ममत्व का सौभाग्य है तू...
आधूरे जीवन का अंश है तू|

प्यार से सब से प्यारा तोहफा...
पाया है तुम्हारे रूप में मैने...
यशोमति के आँगन की तुम्हारी खुसबू ....
कृष्णा!!! क्या महकाएगी मेरे अंगान को???

प्रतीक्षा का पल इतना सुहावना ना था..
कब तुम्हे आपने गोद में भर लू ....
लीनहो जाउ तुम्हारे भोले पन में....
सादिया जी लूँ इस एक पल म||



8 comments:

  1. बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  2. बहूत सुंदर अभिव्यक्ति है....संत पंचमी की आप को बधाई

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  3. I told u na that your poems are nice and u should share them. See everyone appreciating them now. Hope to see more of your creativity here. Good work, keep it up!!!

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  4. Hi Priya it's me Prakash'SHIRISH' You r an expert in poetry, I like it. Keep it up.There's the Link for my profile, please visit once.

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  5. sundar likha hai....mere blog par bhi padharen....swagat hai....


    jai ho magalmay ho...

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  6. mamatwa se bhari huyi sundar rachana.

    -----------------"VISHAL"

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